ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में बहस: ‘किसी के दबाव में कार्रवाई नहीं रोकी’, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के स्पीच की 10 बड़ी बातें

ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में बहस: ‘किसी के दबाव में कार्रवाई नहीं रोकी’, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के स्पीच की 10 बड़ी बातें

संसद में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच बहस शुरू हुई। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में चर्चा की शुरूआत करते हुए विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘भारतीय सेना ने आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा। सेना ने आतंकियों से हमारी माताओं-बहनों के सिंदूर का बदला लिया।’ राजनाथ सिंह ने कहा, ‘हमने किसी के दबाव में आकर ऑपरेशन को नहीं रोका। हमारा मकसद था आतंकियों के ठिकाने को तबाह करना, जो सेना ने हासिल कर लिया।

ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 10 मई को भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के कई हवाई अड्डों पर जोरदार हमला किया, जिसके बाद पाकिस्तान ने हार मान ली और युद्ध विराम की पेशकश की। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘पाकिस्तान ने हमारे डीजीएमओ से बात की और युद्ध विराम की मांग की। इस प्रस्ताव को इस शर्त के साथ स्वीकार कर लिया गया कि यह ऑपरेशन केवल रोक दिया गया है। यदि भविष्य में पाकिस्तान की ओर से कोई दुस्साहस होता है, तो यह ऑपरेशन फिर से शुरू किया जाएगा।

नीचे पढ़ें रक्षा मंत्री के स्पीच की 10 बड़ी बातें…

1. सीमा पार कब्जा करना मकसद नहीं: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने का उद्देश्य था उन आतंकी नर्सरियों को खत्म करना, जिन्हें पाकिस्तान ने कई सालों से पोषित किया था। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन का मकसद सीमा पार इलाके पर कब्जा करना नहीं था।

2. सेना ने हासिल किया लक्ष्य: रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने अपनी कार्रवाई इसलिए रोक दी, क्योंकि पहले से तय किए गए राजनीतिक और सैन्य उद्देश्य हासिल कर लिए गए थे। उन्होंने कहा कि किसी के दबाव में ऑपरेशन रोका गया, यह कहना बिल्कुल गलत है।

3. हमारे मिसाइल सिस्टम बहुत उपयोगी: लोकसभा में राजनाथ सिंह ने कहा कि एस-400, आकाश मिसाइल सिस्टम और वायु रक्षा बंदूकें बहुत उपयोगी साबित हुईं। इनसे पाकिस्तान के हमले को पूरी तरह से विफल कर दिया। उन्होंने कहा कि मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘पाकिस्तान हमारे किसी भी लक्ष्य को भेद नहीं सका और हमारी किसी भी महत्वपूर्ण संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा। हमारी सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य थी और हर हमले को विफल कर दिया गया।

4. विपक्ष को करने चाहिए ये सवाल: राजनाथ सिंह ने कहा, ‘विपक्ष के कुछ सदस्य पूछ रहे हैं कि हमारे कितने विमान मार गिराए गए? मुझे लगता है कि उनका सवाल हमारी राष्ट्रीय भावनाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं करता। उन्होंने हमसे यह नहीं पूछा कि हमारे सशस्त्र बलों ने कितने दुश्मन विमानों को मार गिराया? अगर उन्हें कोई सवाल पूछना ही है, तो यह होना चाहिए कि क्या भारत ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया? इसका जवाब है, हां। अगर आपको कोई सवाल पूछना है, तो यह पूछें: क्या इस ऑपरेशन में हमारे किसी बहादुर सैनिक को नुकसान पहुंचा? जवाब है, नहीं। हमारे किसी भी सैनिक को नुकसान नहीं पहुंचा।

5. 100 से ज्यादा आतंकी मार गिराए: ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि पहलगाम हमले के तुरंत बाद, हमारे सशस्त्र बलों ने कार्रवाई की और नौ आतंकवादी बुनियादी ढांचे स्थलों पर सटीकता के साथ हमला किया। इसमें 100 से ज्यादी आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक और संचालक निशाने पर थे। राजनाथ सिंह ने कहा कि अनुमान है कि इस सैन्य अभियान में 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक, संचालक और सहयोगी मारे गए। उन्होंने बताया कि इनमें से अधिकांश जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़े थे।

6. परमाणु ब्लैकमेलिंग के सामने नहीं झुकेगा भारत: ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने न केवल अपनी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया, बल्कि अपनी राष्ट्रीय दृढ़ता, नैतिकता और राजनीतिक कुशलता का भी परिचय दिया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत किसी भी आतंकी हमले का निर्णायक और स्पष्ट उत्तर देगा। भारत में अब आतंकवाद के समर्थन देने वाले लोगों को शरण नहीं मिलेगी। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत किसी भी तरीके से किसी भी तरह के परमाणु ब्लैकमेलिंग या अन्य दबाव के आगे झुकने वाला नहीं है।

7. पाकिस्तान के साथ शांति के लिए अलग रास्ता अपनाया: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी सरकार ने भी पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करने के लिए कई प्रयास किए हैं। इसके बाद भारत ने 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक और 2025 के ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से शांति स्थापित करने के लिए एक अलग रास्ता अपनाया है।

8. आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस: रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत सरकार आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने बताया कि एक इंटरनेशनल मीटिंग में आतंकवाद के मसले पर जॉइंट स्टेटमेंट डाइल्यूट हो रहा था, लेकिन हमने साफ किया कि जब तक इस पर मजबूती से बात नहीं रखी जाती है, तब तक जॉइंट स्टेटमेंट पर दस्तखत नहीं करेंगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि साल 2009 में मुंबई में जो हमला हुआ था, उस समय सरकार को जो करना चाहिए था, वह नहीं किया गया। बाद में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी, तो उसके बाद से परिस्थितियां बदलीं। उन्होंने कहा, ‘हमने उरी में सर्जिकल स्ट्राइक की। हमने बता दिया कि जरूरत पड़ी तो घर में घुसकर मारेंगे।’

9. 1971 में हमने नहीं पूछे ये सवाल: राजनाथ सिंह ने कहा कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को सबक सिखाया था। उन्होंने कहा, ‘मैं उस समय की सरकार को बधाई देता हूं। हमने तब अपने राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व की प्रशंसा की थी। हमने यह नहीं देखा कि वह किस पार्टी की सरकार थी या क्या विचारधारा थी।’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘उस समय हमने यह नहीं पूछा कि उन्हें(पाकिस्तान) सबक सिखाते समय कितने भारतीय विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए, कितने उपकरण बर्बाद हुए।’

10. हमारे सैनिक दुश्मन की कमर तोड़ देंगे: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सामर्थ्य का प्रतीक था, जिसमें हमने दिखाया कि अगर कोई हमारे नागरिकों को मारेगा तो भारत चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने कहा कि राजनैतिक तंत्र और नेतृत्व बिना किसी दबाव के काम करेगा। राजनाथ सिंह ने कहा, ‘हमारी मिसाइलें भौतिक सीमाओं को पार करेंगी, वीर सैनिक दुश्मन की कमर तोड़ देंगे। हम आतंकवाद के हर रूप और स्वरूप को समाप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।’