बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनान्तर्गत गुड पैरेन्टिंग पर संवाद कार्यक्रम,बच्चों की मोबाईल के लत की समस्या का बताया समाधान

दुर्ग/ कार्यक्रम अधिकारी आर.के. जाम्बुलकर के निर्देशानुसार एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी अजय साहू के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग दुर्ग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना अन्तर्गत प्रेरणा सभाकक्ष मबावि परिसर जिला दुर्ग में गुड पैरेन्टिंग पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्यक्रम में पैरेन्ंिटंग एक्सपर्ट श्री हरिश साहू, श्रीमती एनवीएस नलिनी, श्री कृष्ण कुमार साहू, एवं श्रीमती गौरीकाता साहू द्वारा चेतना विकास पर मूल्य शिक्षा व पालकों द्वारा बच्चों की सही परवरिश की जानकारी दी गई एवं उनकों मोबाइल से दूर रहने तथा अपने माता-पिता के प्रति कृतज्ञ बनने संबंधी चर्चा की गई। समाज में हमारा एक-दूसरे के प्रति संबोधन कैसा हो जैसे- माता-पिता, भाई, अध्यापिका, जैसे मधुर संबोधन की ओर प्रेरित किया। कार्यक्रम में बताया गया कि ममता मूल्य वात्सल्य मूल्य के महत्व को बताते हुए माता-पिता का अपनी संतान के माथे पर वात्सल्य से अभिभूत होकर हाथ फेरना संतान में सकारात्मक उर्जा को उत्पन्न करता है। बच्चों में शेयरिंग की भावना विकसित करने की शुरुआत छोटी-छोटी वस्तुओं पेन पेंसिल टिफिन शेयरिंग से हो सकती है। मनुष्य का स्वयं पर नियंत्रण प्रथमतः शरीर फिर भाषा, भाव, इच्छा पर आवश्यक है। पर-गुण गणना से स्व-दुर्गुणों का नाश होता है। जहाँ संबंध की पहचान होती है वहीं संबंधों का पोषण होता है, मेरी उपयोगिता ही मेरा सम्मान है व समाज में सार्थक पहचान की व्यवस्था में भागीदारी एक शिशु के जीवन में चार मुख्य तत्व होते हैं- अभिभावक, शिक्षक, समाज एवं शिक्षा तंत्र इनसे जुड़कर ही शिशु परिपूर्णता की ओर अग्रसर होता है। परिवार सभा का आयोजन एवं उसकी उपयोगिता व परिवार के सभी सदस्य द्वारा पूरे दिन में किये हुए अपने अच्छे काम, अच्छी सोच अच्छी बात की जानकारी दिए जाने एवं डीप स्लीप की थ्योरी जिसमें रात्रि 8 से 12 बजे की निद्रा, 01 घण्टे की निदा 2 घण्टे को प्ररावर होती है की जानकारी दी गई। श्री कृष्ण कुमार साहू द्वारा गीत के माध्यम से जीवन जीने की कला, अपनी उपयोगिता को विकसित करने एवं जीवन को संघर्ष नहीं अपितु उत्सव समझने की प्रेरणा दी गई। श्री अजय साहू द्वारा बच्चों की मोबाईल की लत से दूर रहने का समाधान बताया गया। इस कार्यशाला में जिला महिला सशक्तिकरण बाल गृह एवं सम्प्रेक्षण गृह की अधीक्षिका, पर्यवेक्षकगण, सखी वन स्टॉप सेंटर स्टॉफ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पालकगण एवं किशोरी बालिका उपस्थित रहे।