श्रध्दा और आस्था का महापर्व रथ यात्रा:विधायक  ललित चंद्राकर 

श्रध्दा और आस्था का महापर्व रथ यात्रा:विधायक  ललित चंद्राकर 

 

 दुर्ग।तमेर पारा स्थित श्री किल्ला मंदिर,रेल्वे स्टेशन राम जानकी मंदिर,उतई पंचमुखी हनुमान मंदिर,श्री जगन्नाथ मंदिरो में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी महाप्रभु के नेत्र उत्सव का आयोजन परम्परा अनुसार किया गया।देव स्नान पूर्णिमा के पश्चात् लंबी बीमारी के पश्चात् महाप्रभु श्री जगन्नाथ के मन्दिर के पट खोले गए नेत्र उत्सव के पारंपरिक पूजा अर्चना हवन पूजन के पश्चात् मंगलध्वनि घंटावादन के साथ श्रद्धालुओं ने प्रभु का प्रथम दर्शन किया  और रथ निकाल कर रथयात्रा उत्सव मनाया गया।
इस अवसर पर दुर्ग ग्रामीण विधायक श्री ललित चंद्राकर ने कहा
भगवान जगन्नाथ रथयात्रा भारत में मनाए जाने वाले धार्मिक महोत्सव में सबसे प्रमुख और धार्मिक दृष्टी से सबसे महत्व पूर्ण माना जाता हैं* 
भगवान श्री कृष्ण के अवतार जगन्नाथ जी की रथ यात्रा में शामिल होने का पुण्य सौ यज्ञों के बराबार माना जाता हैं सागर तट पर बसे पुरी शहर में होनी वाली जन्ननाथ रथ यात्रा उत्सव के समय आस्था का जो भव्य स्वरूप देखने को  मिलता है वह कही दुर्लभ है इस रथयात्रा के दौरान भक्तों को सीधे प्रतिमा तक पहुंचने का सुनहरा अवसर प्राप्त होता हैं।जगन्नाथ मन्दिर की रसोई की विशेषता। जगन्नाथ मंदिर की रसोई दुनिया की सबसे बड़ी रसोई मानी जाती है जगन्नाथ मंदिर ही एक अकेला ऐसा मन्दिर है जहां का प्रसाद महाप्रसाद कहलाता हैं  महाप्रसाद को मिट्टी के 7 बर्तन में रखकर पकाया जाता हैं महा प्रसाद को पकाने में सिर्फ लकड़ी और मिट्टी के बर्तन का ही प्रयोग किया जाता हैं जगन्नाथ मन्दिर से जुड़ा एक रहस्य यह भी  है की कितना भी धूप हो लेकिन इस मन्दिर की परछाई कभी नहीं बनती हैं।इस अवसर पर पूर्व दुर्ग शहर विधायक अरुण वोरा, पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर भाजपा जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र कौशिक दुर्ग महापौर अल्का बाघमार,नगर पंचायत CMO राजेन्द्र नायक, पार्षदगण भीमसेन सिन्हा, संगीत रजक,सोनू राजपूत, विजय लक्ष्मी साहू, सुनीता चंद्राकर,नीलम गड़े,वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता चंदू देवांगन, रूपेश पारख गिरिश शर्मा,राजेश चंद्राकर, बंटी साहू ममता चन्द्राकर, चंद्रभान साहू, रूपेश, हितेंद्र साहू, कमलाकर चंद्राकर अरविंद अवस्थी दिनेश साहू संतोष वर्मा  कांति लाल साहू व सहित बड़ी संख्या में देव तुल्य श्रद्धालु जन उपस्थित रहे।