छत्तीसगढ़ विधानसभा में रिकॉर्ड 35 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पारित, किसान से कनेक्टिविटी तक बड़ा फोकस

छत्तीसगढ़ विधानसभा में रिकॉर्ड 35 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पारित, किसान से कनेक्टिविटी तक बड़ा फोकस

रायपुर/ राज्य के इतिहास का अब तक का सबसे अधिक ₹35,000 करोड़ का अनुपूरक बजट मंगलवार को विधानसभा में पारित हुआ। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इसे पेश करते हुए इसे विकास, वित्तीय अनुशासन और दूरदर्शी शासन के प्रति अपनी स्पष्ट प्रतिबद्धता करार दिया। साथ ही इसे केवल संसाधनों की व्यवस्था नहीं, बल्कि निरंतर आर्थिक प्रगति और संतुलित विकास की सशक्त दिशा बताया।

निगम-मंडलों को मिला फंड
वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा विभिन्न बोर्डों और निगमों पर छोड़े गए ₹45,000 करोड़ से अधिक के लंबित ऋण के कारण कई महत्वपूर्ण संस्थान लगभग निष्क्रिय स्थिति में पहुंच गए थे। इस अनुपूरक बजट के माध्यम से मार्कफेड और नान जैसे संस्थानों को संबल प्रदान किया गया है, जो धान खरीदी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की रीढ़ हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार ने औद्योगिक विकास को भी समान प्राथमिकता दी है। औद्योगिक गतिविधियों को गति देने और प्रोत्साहन योजनाओं को निरंतरता देने के लिए अनुपूरक बजट में ₹360 करोड़ का प्रविधान किया है, जिससे निवेश, रोजगार सृजन और उत्पादन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।

दीर्घकालिक विकास के लिए भी प्रविधान
चौधरी ने कहा कि दीर्घकालिक विकास के लिए पूंजीगत व्यय अत्यंत आवश्यक है। सड़क, पुल, सिंचाई, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल कनेक्टिविटी में किया गया निवेश आने वाले दशकों तक विकास के स्थायी स्रोत तैयार करता है।

इसी सोच के साथ सरकार ने पूंजीगत व्यय को अपनी विकास रणनीति का केंद्र बनाया है। राज्य गठन के बाद 25 वर्षों में पूंजीगत व्यय में लगभग 55 गुना वृद्धि हुई है। जहां 2022-23 में यह ₹13,320 करोड़ था, वहीं 2024-25 में बढ़कर ₹20,055 करोड़ हो गया। मुख्य बजट 2025-26 में ₹26,341 करोड़ तथा अनुपूरक बजट में अतिरिक्त ₹2,000 करोड़ का प्रविधान किया गया है।

अनुपूरक बजट में सड़क एवं भवन निर्माण को विशेष प्राथमिकता दी गई है। ग्रामीण सड़क कार्यक्रम (आरआरपी फेज-2) के लिए ₹175 करोड़, राज्य सड़क क्षेत्र परियोजना (एडीबी लोन-3) के लिए ₹150 करोड़ तथा चिरमिरी–नागपुर हाल्ट रेल लाइन परियोजना के लिए ₹86 करोड़ का प्रविधान किया गया है, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी मजबूत होगी।

कृषि और किसान कल्याण पर जोर
कृषि और किसान कल्याण अनुपूरक बजट का प्रमुख केंद्र रहा है। कृषि उन्नति योजना के लिए ₹2,000 करोड़, 5 एचपी तक के पंपों को मुफ्त बिजली देने के लिए ₹1,700 करोड़ और ब्याज मुक्त ऋण सुविधा के लिए ₹187 करोड़ का प्रविधान किया गया है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए ₹122 करोड़, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए ₹35 करोड़ तथा कृषि नवाचार को बढ़ावा देने के लिए बायोटेक इन्क्यूबेशन सेंटर के भवन निर्माण के लिए ₹4 करोड़ रखे गए हैं। खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए पिछली सरकार के लंबित भुगतानों के निपटान के लिए ₹19,224 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

इसके अंतर्गत मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के लिए ₹6,800 करोड़ और मार्कफेड को धान खरीदी में हुई हानि की भरपाई के लिए ₹12,424 करोड़ शामिल हैं। इससे किसानों को समय पर भुगतान और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को स्थायित्व मिलेगा।

सड़क सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण

सड़क सुरक्षा, आपात सेवाओं और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण प्रविधान किए गए हैं। फायर वाहनों और अग्निशमन उपकरणों के लिए ₹154 करोड़, एएनपीआर कैमरा प्रणाली के लिए ₹75 करोड़, आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक के लिए ₹12 करोड़ और इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी के लिए ₹35 करोड़ का प्रविधान किया गया है।

महिला एवं बाल विकास के लिए महतारी वंदन योजना में ₹2,500 करोड़ और सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 के लिए ₹225 करोड़ रखे गए हैं। ग्रामीण विकास के तहत आवास के लिए अतिरिक्त ₹1,000 करोड़, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए ₹378 करोड़, स्वच्छ भारत मिशन के लिए ₹150 करोड़ और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए ₹286 करोड़ का प्रविधान किया गया है।

हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए बिलासपुर एयरपोर्ट के लिए ₹150 करोड़ और रायगढ़ एयरपोर्ट के लिए ₹30 करोड़ का प्रविधान है। साथ ही, सरकार ने यह स्पष्ट किया कि शांति, सुरक्षा और विकास की बहुआयामी रणनीति के तहत छत्तीसगढ़ जल्द ही वामपंथी उग्रवाद से मुक्त होगा। बस्तर में सांस्कृतिक और खेल आयोजनों के माध्यम से विश्वास और विकास का नया वातावरण बन रहा है।