यूपीएससी की परीक्षा में तीन बार मिली असफलता, लेकिन चौथे प्रयास में सफल होकर महज 24 साल में बनी अधिकारी

यूपीएससी की परीक्षा में तीन बार मिली असफलता, लेकिन चौथे प्रयास में सफल होकर महज 24 साल में बनी अधिकारी

नई दिल्ली: नेहा ब्याडवाल ने संघ लोक सेवा आयोग की सबसे कठिन परीक्षा को पास करके यह साबित कर दिया है कि अगर आपके हौसले बुलंद और आप में कुछ कर गुजरने की चाह हैं, तो बड़ी से बड़ी असफलता भी आपको कामयाब होने से रोक नहीं सकती। दरअसल नेहा ब्याडवाल ने यूपीएससी में अखिल भारतीय रैंक (AIR) 569 प्राप्त की हैं। लेकिन यह सफलता उन्हें इतनी आसानी से नहीं मिली है। इस एक सफलता को पाने के लिए उन्होंने दिन रात कड़ी मेहनत की है और तीन बार असफल भी रही हैं। लेकिन कभी भी उन्होंने अपनी असफलता को अपनी कमजोरी नहीं समझा। कामयाबी को लेकर उनका सकारात्मक दृष्टिकोण ही है कि आज वह एक सफल आईएएस अधिकारी हैं।

शुरुआती जीवन

नेहा ब्याडवाल का जन्म 3 जुलाई, 1999 को राजस्थान के जयपुर में हुआ था। लेकिन उनका पालन-पोषण छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुआ। नेहा के पिता आयकर विभाग में अधिकारी हैं। पिता की नौकरी की वजह से उन्हें बचपन में कई स्कूलों को बदलना पड़ा। नेहा को अपने जीवन में पहली असफलता तब मिली, जब वह कक्षा पांचवीं में फेल हो गई थी। लेकिन नेहा अपने परिणाम से घबराई नहीं। एक इंटरव्यू के माध्यम से उन्होंने अपने बचपन का एक वाक्य भी साझा किया। वह बताती हैं कि एक बार उनका दाखिला भोपाल के स्कूल में हुआ, जहां अंग्रेजी भाषा में बात करना अनिवार्य था। लेकिन जो छात्र अंग्रेजी में बात नहीं करते थे, उन पर स्कूल प्रशासन द्वारा जुर्माना भी लगाया जाता था। लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत से इस भाषा को भी आसानी से सीख लिया।

पिता से प्रेरितनेहा ब्याडवाल अपने पिता से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। उनके पिता की देश को लेकर ईमानदारी और देश के प्रति सेवा भावना ही थी जिसने नेहा को यूपीएससी की तैयारी के लिए प्रेरित किया। लेकिन यह सफर उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था। यूपीएससी की तैयारी के दौरान उन्हें तीन बार असफलता मिली। पहले दो प्रयास में वह प्रीलिम्स और तीसरे प्रयास में वह मुख्य परीक्षा में असफल रहीं। लेकिन इन सब के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और चौथे प्रयास में अखिल भारतीय रैंक (AIR) 569 प्राप्त कर अधिकारी बनने का सपना साकार किया।

मोबाइल से दूरी

नेहा ने अधिकारी बनने के लिए हर संभव प्रयास किए है। उन्होंने अपनी तैयारी के दौरान डिजिटल दुनिया से बिल्कुल दूरी बना ली थी और लगभग तीन साल तक स्मार्टफोन का उपयोग नहीं किया था। इस दौरान उन्होंने केवल कीपैड फोन का ही इस्तेमाल किया था।