डीएफओ की ऑडियो लीक!.. आत्मदाह के ऐलान से वन विभाग में हड़कंप..
मुंगेली/ छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के वनमंडल में डीएफओ अभिनव कुमार के खिलाफ लिपिक संघ ने खुला मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने डीएफओ पर कर्मचारियों से बदसलूकी, पदोन्नति और पेंशन रोकने की धमकी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। मामला तब और गंभीर हो गया जब एक पीड़ित लिपिक द्वारा की गई शिकायत के साथ डीएफओ की धमकी की ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने आई।
तानाशाही, असंवेदनशील व्यवहार — रोहित तिवारी
प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने कहा कि मुंगेली वनमंडल के डीएफओ अभिनव कुमार का रवैया पूरी तरह तानाशाही और असंवेदनशील है। उनके व्यवहार से कार्यालय और फील्ड दोनों स्तर के कर्मचारी मानसिक रूप से प्रताड़ित हैं। संघ को प्राप्त शिकायतों में यह आरोप भी दोहराया गया है कि डीएफओ जहां-जहां पदस्थ रहे, वहां कर्मचारियों को मानसिक दबाव और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा।
संघ को मुंगेली वनमंडल के वरिष्ठ लिपिक बी.एल. पात्रे की लिखित शिकायत मिली है, जिसमें उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार में सहयोग न करने के कारण उन्हें जानबूझकर “आवक-जावक शाखा” में भेजने का दबाव बनाया गया। पात्रे अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं और उन्होंने बताया कि डीएफओ ने पेंशन रोकने की धमकी दी। इस धमकी की रिकॉर्डिंग भी संघ को प्राप्त हुई है, जो अब इस विवाद का सबसे बड़ा सबूत बन गई है।
फोन पर भी की बदतमीजी — संघ अध्यक्ष का आरोप
संघ का कहना है कि जब प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने स्वयं डीएफओ अभिनव कुमार से फोन पर बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने बदतमीजी भरे लहजे में बातचीत की और कॉल काट दी। यह व्यवहार न केवल अधिकारी मर्यादा के विपरीत है, बल्कि विभाग की कार्यसंस्कृति पर भी प्रश्न उठाता है।
वन विभाग में मचा हड़कंप
इस पूरे घटनाक्रम ने कर्मचारियों के बीच गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। संघ ने कहा है कि पीड़ित लिपिक ने अपने पत्र में यह चेतावनी दी है कि यदि न्याय नहीं मिला, तो वह 25 नवंबर को आत्मदाह करेगा। इस सूचना ने वन विभाग और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है।
संघ की मांग — डीएफओ हटे, जांच हो, न्याय मिले
संघ ने डीएफओ अभिनव कुमार को तत्काल मुंगेली से हटाकर मुख्यालय संलग्न करने, उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने, और पीड़ित लिपिक बी.एल. पात्रे को उनके पद अनुरूप शाखा में वापस पदस्थ करने की मांग की है।
तीन चरणों में आंदोलन का ऐलान
इस विवाद को लेकर अब संघ ने प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। आंदोलन का पहला चरण 4 नवंबर, मंगलवार को मुंगेली वनमंडल का घेराव होगा।
दूसरे चरण में प्रदेश के सभी जिलों में प्रदर्शन और ज्ञापन, और तीसरे चरण में रायपुर मुख्यालय एवं वन मंत्री निवास का घेराव किया जाएगा।
वरना उग्र आंदोलन होगा— रोहित तिवारी
प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने चेतावनी दी है कि यदि वन विभाग और सरकार ऐसे अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती, तो लिपिक संघ को प्रदेशस्तरीय उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।